संवाददाता, आरएल, न्यूज
मशहूर बिजनेसमैन और टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा अपनी सादगी और सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे। भले ही आज रतन टाटा इस दुनिया को अलविदा कर गए हो लेकिन, उनके परोपकार को हर कोई याद कर रहा है। रतन टाटा ने जीवन में शादी नहीं की वह सिर्फ देश की तरक्की व दसरों की सेवा में ही जुटे रहे। 60 के दशक में अमेरिका में पढ़ाई के दौरान जब व नौकरी कर रहे थे तो उसी दौरान उन्हें एक युवती से प्रेम हुआ था। लेकिन, भारत व चीन युद्ध के कारण युवती के परिजनों ने बेटी का विवाह भारत में करने से इंकार कर दिया था।
हालांकि, रतन टाटा ने कभी भी अपने निजी जीवन के पलों को सार्वजनिक नहीं किया। लेकिन, 1997 में दिए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी एक अधूरी प्रेम कहानी (Ratan Tata Incomplete Love Story) का जिक्र किया था। रतन टाटा ने सिमी ग्रेवाल को दिए इंटरव्यू में बताया कि 1960 के दशक में वह अमेरिका में पढ़ाई करने के बाद वहीं, नौकरी भी करने लगे थे। उसी दौरान उनकी मुलाकात एक युवती से हुई। धीरे-धीरे उन्हें युवती से प्रेम भी हो गया। लेकिन, दादी नवाजबाई टाटा ने उनको भारत वापस बुला लिया। रतन टाटा ने बताया कि वह वक्त बहुत अच्छा समय था।
लॉस एंजेलिस में हुआ प्यार
रतन टाटा ने बताया कि लॉस एंजेलिस में उनको प्यार हुआ और वह उस लड़की से शादी करने ही वाले थे कि उनकी दादी ने उनसे वापस आने को कहा और वह खुशी-खुशी वापस आ गए। दरअसल दादी नवाजबाई ने ही उनकी परवरिश की थी। वह लंबे समय से दादी से दूर रह रहे थे, इसीलिए वह वापस आने से उनको मना नहीं कर सके। रतन टाटा ने इंटरव्यू में बताया कि उनकी दादी चाहती थीं कि वह भारत वापस आ जाएं। इसकी वजह उनके माता-पिता का तलाक भी था। उनका भाई बहुत ही छोटा था, वह दादी को मना नहीं कर सके और वापस लौटे।
युद्धा से छूट गया प्यार
रतन टाटा ने बताया कि उन्हें लगा था कि उनके भारत आने के बाद वह युवती भी आ जाएगी, जिससे वह शादी करना चाहते थे। लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध की वजह से ऐसा नहीं हो सका। जिस युवती से रतन टाटा प्रेम करते थे, भारत-चीन युद्ध की वजह से उनके माता-पिता बेटी को भारत भेजने के पक्ष में नहीं थे और दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं हुए, जिस वजह से यह रिश्ता हमेशा के टूट गया। और रतन टाटा ने जीवन में फिर कभी विवाह नहीं किया।
फोटो कैप्शन: सिमी ग्रेवाल को इंटरव्यू देते रतन टाटा
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