संवाददाता, द आरएल न्यूज
सरकार पहाड़ के विकास का दावा कर रही है। लेकिन, धरातल की स्थिति कुछ ओर ही बयां कर रही है। हालत यह है कि रिखणीखाल के अंतर्गत बड़खेत में 12 वर्ष बाद भी पालीटेक्निक कालेज का भवन अधर में लटका हुआ है। ऐसे में क्षेत्रीय युवाओं को शिक्षा के लिए देहरादून सहित अन्य बड़े शहरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है। बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अभिभावकों की भी जेब ढीली हो रही हैं।
वर्ष-2012 में शासन ने रिखणीखाल के बड़खेत में राजकीय पालीटेक्निक कालेज खोलने की घाेषणा की। अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के सपने को देखते हुए ग्रामीणों ने कालेज निर्माण के लिए कई नाली भूमि दान की। दो मंजीला भवन निर्माण का कार्य उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को दिया गया। लेकिन, 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी कालेज का सपना धरातल पर रंग नहीं ला पाया है। भवन के नाम पर केवल छत पर टीन ही नजर आ रही है। साथ ही निर्माण के लिए लाई टाइल्स व अन्य सामग्री भी जगह-जगह बर्बाद स्थिति में पड़ी हुई है। क्षेत्रपंचायत सदस्य बिनीता ध्यानी ने बताया कि पूर्व में सरकारी सिस्टम ने भवन निर्माण में देरी का कारण पर्याप्त पानी नहीं होना बताया था। इसके बाद मल्ला बड़खेत के ग्रामीणों ने डबराल पेयजल लाइन बिछाने का अनापत्ति पत्र भी शासन को दिया था। लेकिन, इससे पहले ही कार्यदायी संस्था कार्य को अधर में छोड़कर चली गई।
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